क्या सर्वोच्च न्यायालय में 13 बी सहमति द्वारा विवाह विच्छेद याचिका दायर किया जा सकता है, जहाँ पहले से पक्षकारों के बीच अंतरण याचिका लंबित है। मैंने सन् 2021 में धारा 13 हिन्दू विवाह अधिनियम के तहत क्रूरता के आधार पर तलाक का वाद दाखिल किया था। जिसके बाद मेरी पत्नी ने उसे अपने जिला न्यायालय में अंतरण कराने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में एक अंतरण याचिका दाखिल कर दिया। जिसमें माननीय न्यायालय ने मेरे वाद को स्टे आर्डर द्वारा रोक लगा दिया। तब से दोनों ही मामले लंबित हैं। इसी बीच हम लोगों ने आपसी सहमति से अपना विवाह विच्छेद करने का निश्चय कर लिया। अब समस्या है कि वाद कहाँ दाखिल किया जाए? मैंने अपनी पत्नी को पाँच लाख रूपया भी दे दिया है। अब क्या किया जाए मार्गदर्शन करें।
पूछा गया: हरियाणा से
उपरोक्त परिस्थिति में आपके पास दो विकल्प है। पहला, कि आप पारिवारिक न्यायालय से विवाह विच्छेद का वाद वापस ले और माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अंतरण याचिका को भी खारिज करा लेंवे। इसमें संभावना है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा मामला मीडिएशन के लिए भेज दिया जाये। जहाँ आप धारा 13 बी के तहत विवाह विच्छेद का विकल्प चुन लेवें।
दूसरा विकल्प है कि सर्वोच्च न्यायालय में अगली तारीख पेशी पर आप दोनों पक्षकार मिल कर समुचित प्रारूप में हिंदू विवाह अधिनियम के धारा 13 बी के तहत विवाह विच्छेद का आवेदन कर दें और अंतरण याचिका में अपना अनुरोष संशोधित कर लें।
दोनों ही विकल्पों में आपको माननीय सर्वोच्च न्यायालय से समुचित अनुतोष प्राप्त होगा। न्यायालय विवाह विच्छेद की प्रक्रिया को प्रारंभ कर देगा, यदि माननीय न्यायालय को प्रतीत होता है कि विवाह अंतिम रूप से टूट गया है और पक्षकार का एक साथ रहना संभव नहीं है। अर्थात जब न्यायालय संतुष्ट हो जायेगा कि धारा 13 बी कि सभी शर्तें पूरी होती हैं तो आपका विवाह विच्छेदित कर दिया जायेगा।
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